FIR के बाद भी नहीं थमी पेड़ों की कटाई, असोहा के रानीपुर में ‘सेटिंग-गेटिंग’ के जरिए चल रही है अवैध लकड़ी तस्करी!


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उन्नाव जनपद के असोहा थाना क्षेत्र स्थित रानीपुर गांव में वन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वन विभाग द्वारा FIR दर्ज कराने के बावजूद पेड़ों की अवैध कटाई बेरोकटोक जारी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब यह पूरा गोरखधंधा खुलेआम और संगठित तरीके से चल रहा है — जिसमें कथित रूप से 'सेटिंग-गेटिंग' के जरिए मिलीभगत भी शामिल है।

वन विभाग ने दर्ज कराई FIR, फिर भी नहीं रुकी लूट

हाल ही में वन विभाग ने असोहा थाना में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें आरोप था कि सरकारी जंगल क्षेत्र में बिना अनुमति पेड़ काटे जा रहे हैं। इस एफआईआर में साफ कहा गया था कि यह कार्य वनों की सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत गंभीर अपराध है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी ग्राउंड पर हालात जस के तस हैं

अब JCB से गिराए जा रहे हैं पेड़, फिर सेटिंग के जरिए बेचा जा रहा माल

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अब लकड़हारे और माफिया पहले JCB मशीन से बड़े-बड़े पेड़ों को गिरा रहे हैं, फिर स्थानीय स्तर पर विभागीय 'सेटिंग-गेटिंग' कर के लकड़ी का सौदा किया जा रहा है। यह सब कुछ इतने आत्मविश्वास के साथ किया जा रहा है कि मानो उन्हें किसी कार्रवाई का भय ही नहीं।

ग्रामीणों में नाराज़गी, लेकिन प्रशासन मौन

रानीपुर गांव के कई ग्रामीणों ने प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक मौके पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब FIR दर्ज हो चुकी है, तो दोषियों के खिलाफ गिरफ्तारी, जेसीबी जब्ती और लकड़ी बरामदगी जैसी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

पर्यावरण और कानून दोनों पर सीधा हमला

इस अवैध कटाई से एक ओर जहां वन संपदा का नुकसान हो रहा है, वहीं यह पूरा घटनाक्रम कानून व्यवस्था की पोल भी खोल रहा है। ऐसे मामलों में यदि सख्त और समयबद्ध कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह न केवल जंगलों के अस्तित्व पर खतरा है, बल्कि वन विभाग की साख पर भी सवाल बन जाता है।

क्या अब जागेगा प्रशासन?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वन विभाग और पुलिस मिलकर इस संगठित माफिया नेटवर्क पर शिकंजा कसते हैं या फिर यह मामला भी अन्य फाइलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। फिलहाल, गांव वाले कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं और पर्यावरण प्रेमियों की निगाहें इस केस पर टिकी हुई हैं।

देखे एफआइआर...









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