राजस्थान
प्रदेश के चुरू जिले के रतनगढ़ क्षेत्र स्थित भानुदा गांव में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब एक सैन्य लड़ाकू विमान (फाइटर जेट) खेतों के ऊपर से उड़ते हुए अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह करीब 9:30 बजे गांव के आसमान में एक जोरदार आवाज सुनाई दी, जो एक विस्फोट जैसी प्रतीत हुई। जब ग्रामीण उस दिशा में दौड़े, तो उन्होंने देखा कि एक विमान आसमान से तेजी से नीचे गिरता हुआ आग की लपटों में घिरा हुआ जमीन पर आ गिरा। कुछ ही पलों में घटनास्थल से काला धुआं आसमान की ऊंचाइयों तक उठता देखा गया और आस-पास की ज़मीन में आग फैल गई। हादसे की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सूचित किया। कुछ ही देर में पुलिस, प्रशासन और दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। साथ ही भारतीय वायुसेना की विशेष टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और चारों ओर घेराबंदी कर सुरक्षा सुनिश्चित की गई, ताकि आम लोग घटनास्थल के पास न जाएं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि यह विमान भारतीय वायुसेना का एक फाइटर जेट था, जो संभवतः प्रशिक्षण मिशन पर था या नियमित उड़ान भर रहा था। मलबे की तलाशी के दौरान एक पायलट का बुरी तरह झुलसा हुआ शव मिला, जो विमान के टुकड़ों के बीच पड़ा हुआ था। शव की स्थिति इतनी खराब थी कि उसकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा था। हालांकि वायुसेना के अधिकारियों ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि विमान में सिर्फ एक ही पायलट था या कोई और भी सवार था। हादसे की गंभीरता को देखते हुए वायुसेना द्वारा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया गया है, जिसमें ब्लैक बॉक्स की जांच, फ्लाइट रिकॉर्डिंग और तकनीकी पहलुओं की बारीकी से समीक्षा की जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने विमान को हवा में लड़खड़ाते हुए देखा था, जिससे लगता है कि संभवतः कोई तकनीकी खराबी या यांत्रिक विफलता इस दुर्घटना की वजह रही हो सकती है। वहीं, कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि उन्होंने विमान से किसी तरह का धुआं निकलते हुए भी देखा था, जो यह संकेत देता है कि विमान पहले ही किसी तकनीकी संकट का सामना कर रहा था। हादसे के कारण खेतों को नुकसान पहुंचा है और कुछ मकानों की दीवारें भी दरक गई हैं, लेकिन सौभाग्यवश कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल के आस-पास के इलाके को सील कर दिया है और ग्रामीणों को दूर रहने की हिदायत दी गई है, ताकि दुर्घटनास्थल पर कोई छेड़छाड़ न हो और जांच कार्य में व्यवधान न पड़े। इस हादसे ने पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है और शोक की लहर फैल गई है। मृत पायलट के प्रति लोगों ने संवेदना व्यक्त की है और भारतीय वायुसेना की ओर से जल्द ही एक औपचारिक बयान और शहीद पायलट को श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाने की संभावना है। यह हादसा एक बार फिर से सैन्य विमानों की तकनीकी सुरक्षा, उनके रखरखाव और उड़ान प्रशिक्षण के स्तर पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। साथ ही, इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या हमारे जवानों की सुरक्षा और उपकरणों की विश्वसनीयता पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है या नहीं। फिलहाल पूरे मामले की गंभीर जांच जारी है और वायुसेना की ओर से विस्तृत रिपोर्ट सामने आने के बाद ही दुर्घटना के सही कारणों का पता चल सकेगा।
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