SAMBHAL NEWS उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में सोशल मीडिया का एक शर्मनाक और चिंताजनक चेहरा सामने आया, जब असमोली थाना क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की रहने वाली दो युवतियाँ, महक और परी, अश्लील रील्स और गालियों से भरे वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल करती पाई गईं। इन दोनों का सोशल मीडिया पर "Mehakpari143" नाम से अकाउंट था, जिस पर वे लगातार भड़काऊ, आपत्तिजनक और अश्लील कंटेंट पोस्ट करती थीं। वीडियो में गंदी-गंदी गालियाँ, अश्लील इशारे और उत्तेजक भाषा का प्रयोग कर वे न केवल अपनी फॉलोइंग बढ़ा रही थीं, बल्कि इससे हर महीने 30 से 40 हजार रुपये भी कमा लेती थीं। इस पूरे 'रील्स बिजनेस' में इनका साथ देती थीं हिना नाम की युवती, और आलम नाम का युवक जो कैमरे का काम संभालता था। इन चारों की मिलीभगत से सोशल मीडिया पर एक ऐसा ट्रेंड बन गया था जो समाज की नैतिकता और कानून दोनों का उल्लंघन करता था।
पुलिस को जब इसकी शिकायत मिली और वीडियो की पुष्टि हुई, तो तुरंत कार्रवाई करते हुए महक, परी, हिना और आलम—all चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (धार्मिक भावनाएं भड़काने का प्रयास) और आईटी एक्ट की धारा 67 (अश्लील सामग्री का प्रकाशन/प्रसारण) जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए, जिनमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। गिरफ्तारी के बाद इन्हें पुलिस ने चंदौसी कोर्ट में पेश किया, जहाँ सभी आरोपियों ने अदालत के समक्ष यह स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई है और आगे से वे ऐसा कोई कृत्य नहीं करेंगे। अदालत ने इनकी स्वीकारोक्ति और पहली बार अपराध को देखते हुए चारों को जमानत पर रिहा कर दिया। इस तरह ये चारों जेल जाने से बाल-बाल बच निकले।
लेकिन इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जब पुलिस इन्हें कोर्ट में लेकर पहुंची, तो महक और परी का व्यवहार पछतावे से बिल्कुल अलग दिखा। कोर्ट परिसर में दोनों हँसती-मुस्कुराती नजर आईं, मानो उन्हें अपनी हरकतों पर कोई शर्म नहीं है। वहां मौजूद लोगों ने जब इनके चेहरे की मुस्कान और बेफिक्री देखी, तो कई ने मोबाइल कैमरे से वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर फिर से चर्चा का विषय बन गया है। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या इन युवतियों को जमानत देने के फैसले से उन्हें अपनी हरकतों का वास्तविक असर समझ में आया या नहीं?
पूछताछ के दौरान पता चला कि अश्लील रील्स बनाकर पैसे कमाने का यह पूरा नेटवर्क काफी योजनाबद्ध तरीके से संचालित हो रहा था। महक और परी वीडियो में अभिनय करती थीं, हिना सहयोग करती थी और आलम कैमरे से शूट करता था। वीडियो शूट करने के बाद इन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता था और इनके व्यूज से मोटी कमाई होती थी, जिसे चारों आपस में बाँट लेते थे। यह पूरा मॉडल दिखाता है कि किस तरह सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का गलत उपयोग कर कुछ लोग न केवल समाज में गलत संदेश फैला रहे हैं, बल्कि उससे आर्थिक लाभ भी उठा रहे हैं।
इस मामले ने स्थानीय लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। शहवाजपुर गांव में अब लोग इन दोनों लड़कियों और उनके साथियों को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। वहीं प्रशासन की ओर से सख्त चेतावनी दी गई है कि यदि इन चारों में से किसी ने दोबारा इस तरह की गतिविधियों में हिस्सा लिया, तो इनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी और फिर सख्त कानूनी कार्यवाही होगी, जिसमें जेल जाना तय है। यह पूरा मामला न केवल कानून व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी की भूख कैसे लोगों को मर्यादाओं की सीमा पार करवा देती है।
यह घटना यह भी सोचने को मजबूर करती है कि आज की युवा पीढ़ी के एक तबके के लिए सोशल मीडिया की लोकप्रियता और पैसों की चाहत इतनी बड़ी हो गई है कि वे न तो कानून का डर रखते हैं और न समाज की मर्यादा का सम्मान करते हैं। महक और परी की कहानी सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि एक चेतावनी है पूरे समाज के लिए, कि अगर समय रहते इस तरह की प्रवृत्तियों पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो अगली पीढ़ियों के संस्कार और नैतिकता पर गहरा असर पड़ेगा।
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