मनोरंजन
बॉलीवुड के वरिष्ठ और बहुप्रशंसित अभिनेता परेश रावल एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। हेरा फेरी 3 में अपने बहुचर्चित किरदार ‘बाबूराव’ की वापसी से पहले उन्होंने एक साक्षात्कार में फिल्म इंडस्ट्री, अपनी छवि और एक कलाकार के भीतर की ख्वाहिशों को लेकर दिल खोलकर बात की। यह बातचीत जितनी ईमानदारी से भरी हुई थी, उतनी ही गहराई लिए हुए भी थी। परेश रावल ने जो शब्द अपने लिए इस्तेमाल किए—जैसे "कमीना", "मक्कार" और "झूठा"—वो दरअसल उनकी सादगी, आत्मनिरीक्षण और सच्चे कलाकार की संवेदनशीलता को उजागर करते हैं।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। बल्कि उन्होंने बहुत कुछ पाया है – नाम, सम्मान, दर्शकों का प्यार और एक स्थायी पहचान। पर जब उन्हें पूछा गया कि क्या उनके साथ फिल्म इंडस्ट्री ने कभी नाइंसाफी की, तो उनका जवाब बिल्कुल सीधा था—"अगर मैं ऐसा कहूं, तो मैं बड़ा झूठा और मक्कार इंसान हूं।" उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने जो भी हासिल किया है, वो बहुत है, और उसके लिए वह कृतज्ञ हैं। उनका यह बयान इंडस्ट्री में चल रही उस आम धारणा को भी खंडित करता है, जहां कई कलाकार सफलता न मिलने पर सिस्टम को दोष देते हैं।
हालांकि परेश रावल ने यह भी स्वीकार किया कि कॉमेडी एक्टर के टैग से वे खुद को सीमित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि जो चीज़ें सफल होती हैं, वही आपकी पहचान बन जाती हैं, और उनकी कॉमेडी फिल्में ज्यादा सफल रहीं, इसलिए उन्हें केवल एक कॉमिक एक्टर के तौर पर देखा जाने लगा। यह बात उन्हें सालों से खटकती रही है। वे कहते हैं, “मैं एक अभिनेता हूं। मैंने खुद को कभी एक शैली या एक प्रकार के किरदार तक सीमित नहीं रखा। मैं थिएटर से आया हूं और मेरे अंदर अलग-अलग भूमिकाएं निभाने की भूख है।” परेश रावल का ये बयान उनकी गहराई और अभिनय के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा कि हर इंसान के भीतर कुछ ख्वाहिशें होती हैं—ऐसा रोल करने की, ऐसी फिल्म करने की, या किसी खास निर्देशक के साथ काम करने की। पर उन्होंने जो भी भूमिका निभाई, उसे पूरी ईमानदारी, मेहनत और लगन से किया। उनकी बातों से ये स्पष्ट झलकता है कि उन्हें मलाल नहीं, बल्कि संतोष है। उनका यह संतुलित दृष्टिकोण आज की भागदौड़ भरी फिल्म इंडस्ट्री में एक मिसाल है। जहां कलाकार अकसर असंतोष से घिर जाते हैं, वहीं परेश रावल की सोच प्रेरणादायक है।
वर्कफ्रंट पर भी परेश रावल अब पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ वापसी कर रहे हैं। ‘हेरा फेरी 3’ से उनका नाम जुड़ना फैंस के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। पहले उन्होंने इस प्रोजेक्ट से किनारा कर लिया था, लेकिन अब वे फिर से बाबूराव के रोल में लौट आए हैं। फिल्म की शूटिंग 2026 के फरवरी महीने से शुरू होने की उम्मीद है और इसे साल के अंत तक रिलीज़ करने की योजना है। इसके अलावा वे ‘वेलकम’ फ्रैंचाइज़ की अगली फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ में भी नजर आएंगे, जिसे अहमद खान निर्देशित कर रहे हैं। इस फिल्म में भी उनकी कॉमिक टाइमिंग और अभिनय का लोहा देखने को मिलेगा।
परेश रावल ने अपने करियर में सरदार, ओह माई गॉड, अंदाज़ अपना अपना, हलचल, नायक, हेरा फेरी, हंगामा, अतिथि तुम कब जाओगे जैसी फिल्मों में बहुआयामी भूमिकाएं निभाई हैं। हर किरदार में उन्होंने गहराई, यथार्थ और एक अनोखा अंदाज़ पेश किया है, जिसने दर्शकों को बांध कर रखा। उनके करियर की यह विशेषता रही है कि वे मुख्य भूमिका में हों या सपोर्टिंग रोल में, उनका असर स्क्रीन पर सबसे ज़्यादा होता है।
उनकी हालिया बातचीत इस बात की तस्दीक करती है कि सच्चे कलाकार की पहचान केवल उसके अभिनय से नहीं, बल्कि उसके दृष्टिकोण, सोच और विनम्रता से होती है। परेश रावल का यह इंटरव्यू सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक गहरा विचार है, जो हर संघर्षरत कलाकार को समझना चाहिए—कि सफलता के बीच संतुलन बनाए रखना, और सीमाओं में रहते हुए भी कुछ अलग करने की चाह रखना ही सच्चे कलाकार की पहचान है।
#entertainment