ओडिसा
ओडिशा के पुरी जिले में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसने उत्सव के माहौल को मातम में बदल दिया। जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जा रही थी, उसी दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के सामने एकत्र हो गए। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस अफरा-तफरी में दबने और घुटन से तीन श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की भयावहता को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तत्काल आपात बैठक बुलाई और स्थिति की गहन समीक्षा की।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने हादसे को "अक्षम्य लापरवाही" करार देते हुए बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया। उन्होंने पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया। इसके साथ ही भुवनेश्वर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) विष्णु पति और एक कमांडेंट अजय कुमार नायक को सस्पेंड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि रथ यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में इस स्तर की चूक किसी भी सूरत में माफ नहीं की जा सकती। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने के आदेश भी दे दिए हैं, जो यह पता लगाएगी कि किस स्तर पर चूक हुई और भविष्य में इससे कैसे बचा जा सकता है।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जबकि घायलों का इलाज राज्य सरकार के खर्च पर कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। इस हादसे ने रथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन भीड़ नियंत्रण में पूरी तरह विफल रहा।
यह घटना केवल प्रशासनिक लापरवाही का मामला नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा से जुड़ा गंभीर प्रश्न बन गई है। राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में कड़ा मानक अपनाया जाएगा, और किसी भी स्तर की चूक पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह हादसा पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि आस्था के पर्व को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।
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