उन्नाव
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के बांगरमऊ कस्बे में उस समय हड़कंप मच गया जब एक समुदाय विशेष के वर्षों पुराने कब्रिस्तान पर कथित रूप से जबरन कब्जे की कोशिश की गई। यह कब्रिस्तान हरदोई-बिल्हौर मुख्य मार्ग पर स्थित है, जो पुराने बस अड्डे के नजदीक होने के कारण न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय की आस्था और पहचान का प्रतीक भी माना जाता है। रविवार की सुबह क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब लोगों ने देखा कि एक व्यक्ति – जिसकी पहचान शहंशाह नामक दबंग के रूप में हुई – बिना किसी वैध अनुमति और प्रशासनिक आदेश के इस कब्रिस्तान की भूमि पर जेसीबी मशीन लगवाकर निर्माण कार्य शुरू करवा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्य पूरी तरह से अवैध है, और इसकी शिकायत 28 जून को ही तहसील प्रशासन को लिखित रूप में दी गई थी। बावजूद इसके, प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका फायदा उठाकर कब्जे की कोशिश की गई।
घटना की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मौके पर पहुंच गईं और उन्होंने निर्माण कार्य का विरोध करते हुए मौके पर हंगामा किया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनकी धार्मिक भावनाओं और पूर्वजों की स्मृति से जुड़ी इस भूमि पर कब्जा करना न केवल अवैध है, बल्कि समुदाय को अपमानित करने जैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की, तो यह मामला सामाजिक टकराव में भी बदल सकता था। महिलाओं द्वारा विरोध के साथ-साथ पुलिस को सूचना दी गई, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए कस्बा इंचार्ज राजीव भदौरिया पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और निर्माण कार्य को तुरंत रुकवा दिया। पुलिस ने मौके की नाजुकता को समझते हुए स्थिति को शांतिपूर्वक संभाला और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोक दिया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि यह मामला पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है, और ऐसे में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या निर्माण न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। लोगों ने प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और धार्मिक स्थलों पर इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जल्द ही दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही नहीं की गई और कब्रिस्तान की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे।
पुलिस प्रशासन ने लोगों को समझाया और आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी तथा जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, मौके पर शांति बनी हुई है, लेकिन लोगों में रोष व्याप्त है और वे लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि धार्मिक स्थलों की गरिमा और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए। यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर संवेदनशील बन गया है, बल्कि प्रशासनिक सुस्ती और धार्मिक भावनाओं के टकराव का प्रतीक भी बन गया है, जिस पर समय रहते संजीदगी से कार्रवाई आवश्यक है।
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