इटावा
इटावा जिले से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां दो कथावाचकों के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उनके बाल और चोटी भी जबरन काट दिए गए। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। मामला थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दादरपुर गांव का है, जहां कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी के साथ यह अमानवीय व्यवहार हुआ।
बताया जा रहा है कि पीड़ित कथावाचक गांव-गांव जाकर धार्मिक कथाएं सुनाते हैं। दादरपुर गांव में भी एक कथा कार्यक्रम बुक किया गया था। मुकुट मणि यादव ने बताया कि जब वे वहां पहुंचे और कथा प्रारंभ की, तभी कुछ लोगों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी। कुछ ही देर में माहौल बिगड़ गया और कथावाचकों के खिलाफ भीड़ इकट्ठा हो गई। आरोप है कि इस भीड़ ने कथावाचक के सहायक के बाल और चोटी काट डाली, उसे पीटा गया और बेइज्जत करते हुए गांव से बाहर खदेड़ दिया गया।
इतना ही नहीं, वायरल वीडियो में यह भी सामने आया कि एक महिला से जबरन कथावाचकों से पैर छुवाए गए और नाक रगड़ने तक को मजबूर किया गया। इस घटना ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत किया है बल्कि मानवाधिकारों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई हैं।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। कथावाचक मुकुट मणि यादव ने साफ कहा कि उन्हें कथा के लिए बुलाया गया था लेकिन गांव पहुंचते ही उन्हें अपमानित और प्रताड़ित किया गया। घटना के बाद उन्होंने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन शुरू में पुलिस ने कार्रवाई में कोई रुचि नहीं दिखाई। जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और मामला तूल पकड़ने लगा, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
एसपी ग्रामीण ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती, चाहे कारण कुछ भी हो।
इस घटना के बाद ग्रामीण क्षेत्र में तनाव का माहौल है। धार्मिक भावनाओं से जुड़े लोग इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही, यह सवाल भी उठ रहा है कि जब देशभर में धार्मिक गतिविधियों को सम्मान दिया जाता है, तो ऐसे लोगों को निशाना बनाना किस मानसिकता को दर्शाता है?
फिलहाल, पुलिस मामले की तह तक जाने का दावा कर रही है और प्रशासन ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं पीड़ित कथावाचक और उनका परिवार न्याय की आस लगाए बैठा है।
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