लखनऊ में बड़ा रेल हादसा टला: हमसफर एक्सप्रेस से टकराया लोहे का स्ट्रक्चर, साजिश की आशंका, जांच तेज।

 



लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार सुबह एक गंभीर रेल हादसा टल गया, जिसने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। आनंद विहार से गोरखपुर जा रही हमसफर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12572) जब मल्हौर रेलवे स्टेशन के पास पहुंची, तो पटरियों पर एक भारी लोहे का स्ट्रक्चर रखा हुआ मिला, जो देखने में किसी होर्डिंग के खंभे जैसा प्रतीत हो रहा था। लोको पायलट ने सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई दिखाते हुए ट्रेन की गति को नियंत्रित किया और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। इंजन उस स्ट्रक्चर से टकरा तो गया, लेकिन यह टक्कर केवल इंजन तक ही सीमित रही और डिब्बों को कोई नुकसान नहीं हुआ, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।

घटना सुबह करीब 8:30 बजे की है, जब हमसफर एक्सप्रेस निर्धारित समय पर गोरखपुर की ओर जा रही थी। जैसे ही ट्रेन मल्हौर स्टेशन के निकट पहुंची, इंजन चालक की नजर पटरियों पर रखे एक संदिग्ध भारी लोहे के ढांचे पर पड़ी। चालक ने बिना देर किए आपातकालीन ब्रेक लगाए और ट्रेन को रोका, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। इंजन के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि रेलवे अधिकारियों ने की है, हालांकि किसी भी यात्री के घायल होने या डिब्बों को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। तुरंत ही रेलवे कंट्रोल रूम को सूचित किया गया और कुछ ही देर में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF), रेलवे अधिकारी, तकनीकी टीम और गोमती नगर पुलिस मौके पर पहुंची।

मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने पाया कि यह ढांचा ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त करवाने के उद्देश्य से पटरियों पर रखा गया था। प्रारंभिक जांच में इस पूरी घटना को एक सोची-समझी साजिश माना जा रहा है। गोमती नगर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ IPC की धारा 427 (जानबूझकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस और RPF की टीमें इलाके में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह ढांचा पटरियों पर किसने और क्यों रखा।

रेलवे अधिकारियों ने लोको पायलट की तत्परता की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) सचिंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि, “हमारे चालक की सूझबूझ ने सैकड़ों लोगों की जान बचा ली। हम उनके साहस और तत्परता की सराहना करते हैं और इस मामले की गहन जांच करवा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।” उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता और रेलवे अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पूरी समीक्षा करेगा।

इस पूरी घटना ने न सिर्फ यात्रियों के दिलों में डर पैदा कर दिया है, बल्कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर किया है। राजधानी के पास इस प्रकार की घटना का होना यह दर्शाता है कि रेल पटरियों की निगरानी में अब भी खामियां हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लोको पायलट ने थोड़ी भी देर कर दी होती, तो यह हादसा भयावह हो सकता था, जिसमें सैकड़ों जानें जा सकती थीं।

इस घटना के बाद रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने रेलवे ट्रैक के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और स्थानीय पुलिस को भी विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें पटरियों के पास कोई संदिग्ध वस्तु या गतिविधि नजर आए, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कई कोणों से कर रही हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोषी कब तक कानून के शिकंजे में आते हैं और रेलवे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कौन से ठोस कदम उठाता है। फिलहाल राहत की बात यही है कि लोको पायलट की सजगता ने एक बड़ी दुर्घटना को होने से रोक लिया और सैकड़ों यात्रियों की जान बचा ली।

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