उन्नाव:
पुरवा कोतवाली क्षेत्र के मझखोरिया गांव में रविवार शाम एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। 18 वर्षीय रूपेश, जो गांव निवासी बिंदालाल का बेटा था, अपने दो दोस्तों आकाश और महतो के साथ लोन नदी में नहाने गया था। गर्मी से राहत पाने के लिए तीनों नदी में उतरे, लेकिन यह राहत रूपेश के लिए जानलेवा साबित हुई।
कैसे हुआ हादसा
गवाहों और दोस्तों के अनुसार, नहाते समय रूपेश गहरे पानी की ओर बढ़ गया। नदी के तेज बहाव और गहराई का अंदाजा न लग पाने के कारण वह अचानक पानी में डूबने लगा। उसके दोस्तों ने तुरंत शोर मचाया, लेकिन वे खुद भी घबराए हुए थे और उसे बचा नहीं सके। कुछ ही पलों में रूपेश पानी में गायब हो गया।
घटना की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, वहां अफरा-तफरी मच गई। घबराए हुए दोनों दोस्त तुरंत गांव पहुंचे और परिजनों को सूचना दी। परिजन दौड़ते हुए घटनास्थल की ओर भागे। कुछ ही देर में पुलिस भी मौके पर पहुंची और गंगाघाट से गोताखोरों को बुलवाया गया।
रेस्क्यू अभियान और दर्दनाक अंत
गोताखोरों ने नदी में रेस्क्यू अभियान शुरू किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद रूपेश का शव पानी से बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी — रूपेश की मौत हो चुकी थी।
पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा गया। सोमवार को जब शव पोस्टमार्टम हाउस लाया गया, तो वहां का माहौल बेहद गमगीन था। मां, पिता और अन्य परिजन बेटे के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोते रहे।
गांव में मातम
रूपेश की असमय मौत से पूरा मझखोरिया गांव सदमे में है। उसकी उम्र महज़ 18 साल थी और उसने कक्षा 6 तक पढ़ाई की थी। ग्रामीणों के मुताबिक, रूपेश मेहनती और हंसमुख स्वभाव का था। गांव में हर कोई उसे पसंद करता था।
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि लोन नदी का यह हिस्सा काफी गहरा है और बरसात के दिनों में इसमें तेज बहाव रहता है। कई बार यहां हादसे हो चुके हैं, लेकिन सावधानी न बरतने से युवा और बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटनास्थल की जांच की और आवश्यक कार्रवाई पूरी की। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया। पुरवा कोतवाली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि नदी या तालाब में नहाने के दौरान सतर्क रहें और गहरे पानी में जाने से बचें।
गर्मी में नदियों और तालाबों में नहाने का बढ़ता खतरा
गर्मी के मौसम में नदियों और तालाबों में नहाना कई ग्रामीण क्षेत्रों में आम बात है। लेकिन कई बार यह शौक हादसों में बदल जाता है। गहराई, तेज बहाव, पानी के नीचे छिपे गड्ढे और फिसलन भरे पत्थर, सभी जानलेवा साबित हो सकते हैं। प्रशासन और ग्रामीण संगठनों को इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
गांव वालों की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि लोन नदी के इस खतरनाक हिस्से पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और गर्मी व बरसात के दिनों में गोताखोरों की टीम तैनात की जाए।