ʺचित्रकूट बीमा हत्याकांड: बीमा की दो करोड़ की रकम पाने के लिए दोस्त को कार में जलाकर मारा, खुद को मृत दिखाने की रची रूह कंपा देने वाली साजिशʺ


 चित्रकूट

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से एक बेहद चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल पुलिस महकमे को चौंका दिया, बल्कि पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। एक व्यक्ति ने दो करोड़ रुपये की बीमा राशि हड़पने की नीयत से ऐसी खौफनाक साजिश रची, जिसमें उसने न सिर्फ मानवता को शर्मसार किया, बल्कि दोस्ती जैसे रिश्ते को भी खून से रंग दिया। आरोपी ने पहले खुद का जीवन बीमा कराया और फिर कुछ समय बाद ऐसा ताना-बाना बुनना शुरू किया, जिससे वह खुद को मरा हुआ साबित कर सके और बीमा की रकम उसके परिजनों को मिल जाए। इसके लिए उसने अपने बेहद करीबी दोस्त को अपने जाल में फंसाया। घटना के दिन उसने अपने दोस्त को अपनी ही कार में बैठाया, और फिर सुनियोजित तरीके से कार को बाहर से लॉक कर उसमें आग लगा दी। कार में बैठे व्यक्ति को बाहर निकलने का कोई मौका नहीं मिला और वह तड़प-तड़प कर जल गया। कार के पूरी तरह जल जाने के बाद शव की पहचान लगभग असंभव हो गई, और यही इस साजिश का मुख्य हिस्सा था। आरोपी चाहता था कि पुलिस शव को उसी का मान ले और बीमा राशि उसके नाम पर रिलीज कर दी जाए।

हालांकि, पुलिस को शुरुआत से ही इस घटना में कुछ गड़बड़ नजर आई। घटनास्थल की परिस्थितियां, शव की स्थिति और बीमा पॉलिसी की हालिया सक्रियता ने अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया। जब मृतक के परिजनों से डीएनए मिलान कराया गया, तो एक बड़ा खुलासा हुआ – शव की पहचान कथित मृतक से मेल नहीं खा रही थी। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल्स, लोकेशन ट्रैकिंग और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पूरे घटनाक्रम की परतें उधेड़नी शुरू कीं। जल्द ही पुलिस की एक टीम ने आरोपी को दूसरे जिले में एक फर्जी पहचान के साथ छिपे हुए पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने सारी सच्चाई उगल दी – कैसे उसने कर्ज के बोझ से परेशान होकर दो करोड़ की बीमा राशि पाने का शातिर प्लान बनाया, और कैसे उसने अपने ही दोस्त की निर्मम हत्या कर डाली।

पुलिस के अनुसार, यह मामला एक असाधारण बीमा धोखाधड़ी का उदाहरण है, जिसमें लालच ने एक व्यक्ति को इस हद तक धकेल दिया कि उसने दोस्ती, रिश्तेदारी और इंसानियत सबकुछ ताक पर रख दिया। आरोपी ने माना कि वह कई महीने से इस योजना पर काम कर रहा था और उसने कई स्तरों पर सबूत मिटाने और भ्रामक स्थितियां पैदा करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक जांच की बदौलत इस गुत्थी को महज सात दिन में सुलझा लिया गया। अब पुलिस यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि आरोपी को कठोरतम सजा मिले और बीमा कंपनियों को भी इस प्रकार के मामलों के प्रति अधिक सतर्क किया जाए। 

इस घटना ने पूरे चित्रकूट और आसपास के इलाकों में एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब इंसान लालच की अंधी दौड़ में भागता है, तो वह किस हद तक नीचे गिर सकता है।

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