ʺदिल्ली और बेंगलुरु के स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पूरे देश में मचा हड़कंप; गोल्डन टेंपल को भी भेजे गए धमकी भरे ईमेलʺ


देश–दुनियां

दिल्ली और बेंगलुरु जैसे दो प्रमुख महानगरों में एक के बाद एक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियों ने पूरे देश में दहशत और तनाव का माहौल खड़ा कर दिया है। ये धमकियां ऐसे समय में सामने आई हैं जब देश की सुरक्षा एजेंसियां पहले ही संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट मोड पर हैं। बेंगलुरु में आज यानी 18 जुलाई 2025 की सुबह लगभग 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल मिले। इन ईमेल में कहा गया कि स्कूलों की कक्षाओं में TNT (ट्राइनाइट्रोटोल्यूइन) नामक विस्फोटक छिपा दिया गया है, जो प्लास्टिक के थैलों में रखे गए हैं और कभी भी विस्फोट कर सकते हैं। इस भयावह संदेश के साथ भेजा गया ईमेल ‘roadkill333@atomicmail.io’ नामक एक संदिग्ध ईमेल आईडी से भेजा गया है, जिसने स्कूल प्रशासन, बच्चों, अभिभावकों और पुलिस को सकते में डाल दिया।

धमकी भरे ईमेल मिलते ही बेंगलुरु के सभी प्रभावित स्कूलों ने तत्परता दिखाते हुए पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद बेंगलुरु सिटी पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड को तैनात कर दिया गया। राजराजेश्वरी नगर, केंगेरी, बनशंकरी, कोरमंगला, येलहंका, इंदिरानगर जैसे विभिन्न इलाकों में स्थित स्कूलों की इमारतों की बारीकी से तलाशी ली गई। स्कूलों के क्लासरूम, प्लेग्राउंड, वॉशरूम, स्टाफ रूम, बस यार्ड और हर संभावित स्थान की जांच की गई। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर बच्चों को स्कूल से सुरक्षित बाहर निकालने की व्यवस्था की। तलाशी के बाद राहत की बात यह रही कि अब तक किसी भी स्कूल से कोई विस्फोटक पदार्थ या संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। हालांकि, पुलिस ने मामला अत्यधिक गंभीर मानते हुए साइबर एक्सपर्ट्स की टीम लगाकर धमकी भेजने वाले की लोकेशन ट्रेस करने का कार्य शुरू कर दिया है।

यह घटनाक्रम तब सामने आया जब देश की राजधानी दिल्ली में भी इसी सप्ताह में लगातार पांच दिनों तक बम की धमकियों से हड़कंप मचा हुआ था। 14 जुलाई से 18 जुलाई तक दिल्ली के विभिन्न स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकियों वाले ईमेल प्राप्त हुए। 18 जुलाई को एक ही दिन में दिल्ली के 20 से अधिक स्कूलों को ऐसे ही धमकी भरे ईमेल भेजे गए थे। जिन स्कूलों को ये मेल प्राप्त हुए, उनमें सेंट थॉमस स्कूल (द्वारका), गुरु नानक पब्लिक स्कूल (रोहिणी), जीडी गोयनका स्कूल (द्वारका), द्वारका इंटरनेशनल स्कूल, रिचमंड स्कूल (पश्चिम विहार), और अभिनव पब्लिक स्कूल (रोहिणी सेक्टर 3) जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं।

दिल्ली में धमकी का सिलसिला 14 जुलाई से ही शुरू हो गया था, जब नेवी चिल्ड्रन स्कूल (चाणक्यपुरी), CRPF स्कूल (रोहिणी व द्वारका) को टारगेट किया गया। इसके बाद 15 जुलाई को सेंट थॉमस स्कूल और सेंट स्टीफंस कॉलेज को भी धमकी दी गई। 16 जुलाई को फिर से सेंट थॉमस स्कूल के साथ वसंत वैली स्कूल (वसंत कुंज), मदर्स इंटरनेशनल (हौज खास), रिचमंड ग्लोबल (पश्चिम विहार) और सरदार पटेल विद्यालय (लोदी एस्टेट) को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इन ईमेल्स की भाषा में एकरूपता देखी गई और सभी में किसी न किसी प्रकार के हाई इम्पैक्ट विस्फोटक होने की बात लिखी गई थी।

इन घटनाओं के बीच देश के धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया। अमृतसर के पवित्र श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) को भी धमकी भरे ईमेल्स मिले, जिनमें लिखा गया था कि RDX जैसे शक्तिशाली विस्फोटक से मंदिर को उड़ाया जाएगा। 14 से 17 जुलाई के बीच कम से कम पांच धमकी भरे ईमेल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) को प्राप्त हुए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब पुलिस, BSF और बम स्क्वाड की टीमें गोल्डन टेंपल परिसर में सक्रिय रहीं। SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, मुख्यमंत्री भगवंत मान और DGP गौरव यादव ने स्वयं स्थिति की निगरानी की। अब तक की जांच में यह संकेत मिले हैं कि इन धमकियों के पीछे तमिलनाडु से संचालित किसी संदिग्ध नेटवर्क का हाथ हो सकता है।

इन सभी घटनाओं के मद्देनजर पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। दिल्ली, बेंगलुरु और पंजाब में स्कूलों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। साइबर क्राइम सेल की टीमें मेल भेजने वाले IP पते, डोमेन और सर्वर का विश्लेषण कर रही हैं ताकि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस इस आशंका को भी खंगाल रही है कि कहीं यह सब किसी अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा तो नहीं है या देश में दहशत फैलाने की किसी साजिश के तहत तो यह ईमेल अभियान नहीं चलाया जा रहा।

इन घटनाओं ने न केवल छात्रों और अभिभावकों में भय और बेचैनी को जन्म दिया है, बल्कि स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग को भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था को फिर से जांचने और दुरुस्त करने को मजबूर कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है क्योंकि कई स्कूलों को खाली कराना पड़ा और कक्षाएं रद्द कर दी गईं।

यह स्पष्ट है कि चाहे ये धमकियां झूठी साबित हों, लेकिन इनका उद्देश्य समाज में डर का माहौल बनाना और आम जनमानस की मानसिक शांति को भंग करना है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार, पुलिस और साइबर एजेंसियां मिलकर इस प्रकार के मामलों में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करें। साथ ही आम नागरिकों को भी जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।

इस प्रकार की धमकियां केवल अपराध ही नहीं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाली साजिशें होती हैं, जिनसे सख्ती से निपटना जरूरी है।

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