भदोही
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियावां थाना क्षेत्र के वारी गांव में मंगलवार सुबह एक ऐसी खौफनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। यह हादसा न केवल पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि रिश्तों में बिगड़ते संतुलन और असहिष्णुता का भी आईना है। बताया जा रहा है कि गांव के निवासी रोहित यादव और उसकी पत्नी बसंती देवी के बीच लंबे समय से आपसी विवाद चल रहा था। आर्थिक तंगी, आपसी अविश्वास और घरेलू कलह ने उनके वैवाहिक जीवन को इस कदर झकझोर दिया था कि दोनों ने कथित रूप से एक साथ आत्महत्या करने का फैसला कर लिया था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि सोमवार देर रात दोनों ने आत्महत्या का नाटकीय निर्णय लिया। लेकिन जब मंगलवार सुबह बसंती देवी का मन बदल गया और उसने रोहित से कहा कि वह अब मरना नहीं चाहती, बल्कि जीवन को एक और मौका देना चाहती है, तो रोहित बेकाबू हो गया। वह इस बात से इतना गुस्सा हो गया कि रसोई से चाकू उठाकर बसंती पर टूट पड़ा और उसका गला रेतकर हत्या कर दी। जब घरवालों की नींद खुली और वे कमरे में पहुंचे, तो उन्होंने बसंती को खून से लथपथ हालत में मृत पाया और पास में रोहित बेहोश पड़ा हुआ था।
पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि बसंती की हत्या करने के बाद रोहित ने खुद को भी खत्म करने का प्रयास किया। उसने सिंदूर पी लिया, जो जहरीला माना जाता है, और इसी कारण उसकी हालत बिगड़ गई। फिलहाल रोहित को पुलिस हिरासत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन जान को अभी खतरा नहीं है। वहीं, बसंती के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
गांव के लोगों और पड़ोसियों के मुताबिक, रोहित शुरू से ही चिड़चिड़ा और मानसिक रूप से अस्थिर प्रवृत्ति का था। हालांकि, किसी ने नहीं सोचा था कि वह इस हद तक जा सकता है। दोनों की शादी करीब पांच साल पहले मिर्जापुर में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद से उनके बीच विवाद शुरू हो गए थे। कभी छोटी बातों पर झगड़ा, तो कभी बाहरी हस्तक्षेप – इन सबने उनके रिश्ते को कमजोर कर दिया। रिश्तेदारों ने कई बार समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकल पाया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी रोहित के खिलाफ हत्या और आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है और सभी साक्ष्यों को एकत्र किया जा रहा है। एफएसएल टीम भी घटनास्थल का मुआयना कर चुकी है। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और रिश्तों की उलझनों में फंसकर संवाद की जगह हिंसा को रास्ता बना लेते हैं।
यह हृदयविदारक घटना न केवल कानून व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे भावनात्मक अस्थिरता और रिश्तों में संवादहीनता जीवन को खत्म करने की कगार पर ले जा सकती है। आज वारी गांव मातम में डूबा हुआ है, एक औरत की जिंदगी खत्म हो चुकी है, और एक युवक अब जेल और पश्चाताप के रास्ते पर चल पड़ा है — शायद कभी न लौटने के लिए।
#bhadohi #up