उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने कानून व्यवस्था को लेकर जो सख्त और निर्णायक रुख अपनाया है, वह अब केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी स्पष्ट दिखाई देने लगा है। “सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, सजा दिलाना प्राथमिकता हो”—इस नारे को साकार करता सरकार का ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान अब अपराधियों के लिए यमदूत बन चुका है। यह एक ऐसा अभूतपूर्व अभियान है, जिसके तहत न केवल अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला गया है, बल्कि मुकदमों में मजबूत पैरवी कर उन्हें सजा भी दिलवाई गई है। पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 97,158 अपराधियों को दोषी सिद्ध कर सजा दिलाई गई है, जिनमें 68 को फांसी की सजा मिली है। यह राज्य के न्यायिक इतिहास में एक मिसाल के तौर पर दर्ज हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 1 जुलाई 2023 को शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ अपराध पर अंकुश लगाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी दोषी व्यक्ति कानून की पकड़ से न बचे और उसे उसके अपराध के लिए दंड अवश्य मिले। मुख्यमंत्री ने खुद इस अभियान की निगरानी की और अभियोजन तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए लगातार बैठकें कीं। अभियोजन विभाग को निर्देश दिए गए कि हर मुकदमे में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएं, गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, और कोर्ट में प्रभावी तरीके से पैरवी हो ताकि अपराधियों को कठोरतम सजा मिल सके।
इस दिशा में एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा के नेतृत्व में पुलिस और अभियोजन टीमों ने उल्लेखनीय कार्य किया। आंकड़ों के अनुसार, 1 जुलाई 2023 से लेकर 15 जून 2025 तक कुल 1,14,029 चिन्हित मामलों में से 74,388 मामलों का निस्तारण किया गया। इनमें 69,422 मामलों में अभियोजन सफल रहा और कुल 97,158 अभियुक्तों को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई। इन सजाओं में 68 को फांसी, 8,172 को आजीवन कारावास, 1,453 को 20 साल से अधिक की सजा और 87,465 को 20 साल से कम की जेल की सजा मिली है। यह आंकड़े न केवल सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि उत्तर प्रदेश में अब कानून का डर व्यावहारिक रूप से स्थापित हो चुका है।
योगी सरकार का यह अभियान केवल छोटे-मोटे अपराधियों तक सीमित नहीं रहा। इसके तहत प्रदेश के टॉप 10 दुर्दांत अपराधियों के खिलाफ दर्ज 272 मामलों में 395 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई। इतना ही नहीं, योगी सरकार की माफिया विरोधी नीति के तहत चिन्हित 69 कुख्यात माफियाओं में से 29 को कोर्ट से सजा दिलवाना भी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। यह दर्शाता है कि सरकार संगठित अपराध पर सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि उसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अभियान में महिला और बाल अपराधों के मामलों को भी विशेष प्राथमिकता दी गई। पॉक्सो एक्ट के तहत 17 अभियुक्तों को मृत्युदंड और 619 को आजीवन कारावास की सजा दिलवाई गई। इनमें से तीन मामलों में मात्र एक माह के भीतर दोषियों को फांसी की सजा दिलवाना, इस बात का प्रमाण है कि सरकार संवेदनशील मामलों में विलंब नहीं, त्वरित और प्रभावी कार्रवाई को प्राथमिकता दे रही है। वहीं एससी-एसटी एक्ट के तहत भी तीन मामलों में अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा दिलाई गई, जो दर्शाता है कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति भी सरकार की संवेदनशीलता पूरी तरह सक्रिय है।
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ की रफ्तार भी बेहद सराहनीय रही है। अभियोजन विभाग की कार्य योजना के अनुसार प्रतिदिन औसतन 143 चिन्हित मामलों का निस्तारण किया गया है और हर दिन लगभग 187 अपराधियों को कोर्ट से सजा दिलाई गई है। यह राज्य की न्यायिक प्रणाली की सक्रियता का एक नया प्रतिमान है। आमतौर पर यह शिकायत रहती थी कि पुलिस तो अपराधी को पकड़ लेती है लेकिन अदालतों में मुकदमा सालों-साल खिंचता रहता है और आखिरकार अपराधी छूट जाता है। लेकिन अब यह धारणा तेजी से टूट रही है, क्योंकि पुलिस और अभियोजन दोनों मिलकर साक्ष्य के आधार पर मजबूत केस बना रहे हैं, जिससे कोर्ट में अपराध सिद्ध हो रहा है और अपराधियों को तुरंत सजा मिल रही है।
अभियान के माध्यम से प्रदेश की आम जनता को यह भरोसा मिला है कि अब कोई भी अपराधी अपने रसूख, पैसे या राजनीतिक पकड़ के दम पर कानून से नहीं बच सकता। यही नहीं, इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ा है—अपराधियों में कानून का भय व्याप्त हुआ है और संगठित अपराध करने वालों की कमर टूट चुकी है। इससे प्रदेश में अपराध दर में भी गिरावट आई है और आमजन की सुरक्षा भावना मजबूत हुई है।
इस पूरी प्रक्रिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी, अभियोजन विभाग की सक्रियता, पुलिस की तत्परता और न्यायपालिका की सजगता ने मिलकर एक ऐसा तंत्र तैयार किया है, जो अपराध और अपराधियों को बख्शने के मूड में नहीं है। अब उत्तर प्रदेश में कोई भी अपराधी यह सोचकर अपराध नहीं कर सकता कि वह बच निकलेगा। यहां अब न्याय व्यवस्था केवल कागजों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बन चुकी है।
‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के माध्यम से योगी सरकार ने न सिर्फ अपराधियों को कठोर सजा दिलवाई है, बल्कि आम जनता में न्याय की आशा और विश्वास को फिर से स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश अब बदल चुका है—यहां अपराध करने का मतलब सीधे जेल या फांसी है। यही है नया कानून व्यवस्था का मॉडल, जो पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है।
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