घटना मौरावां थाना क्षेत्र के गुलरिहा गांव निवासी रामदास पुत्र राम नारायण के साथ घटी। रामदास उन्नाव शहर के IBP चौराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से ₹7 लाख रुपये निकालने पहुंचे थे।
रामदास के मुताबिक जैसे ही वह बैंक पहुंचे, वहां दो युवक पहले से मौजूद थे। उन्होंने मदद का बहाना बनाकर रामदास से बातचीत शुरू की और खुद ही चेक भरकर, हस्ताक्षर करवाकर बैंक से पैसे निकलवा दिए। बुजुर्ग को लगा कि दोनों युवक ईमानदार हैं और वास्तव में मदद कर रहे हैं।
पैसे निकालने के बाद दोनों युवकों ने रामदास से कहा कि उन्हें भूख लगी है और पास ही चलकर कुछ खा लेते हैं। बुजुर्ग ने विश्वास कर लिया और सभी पास के एक रेस्टोरेंट (संभावना है: भोला वेज बिरयानी) पहुंचे। वहां तीनों ने नाश्ता किया, और रामदास का बैग जिसमें सात लाख रुपये थे, उनके पास ही रखा रहा।
जैसे ही मौका मिला, दोनों युवक बैग लेकर चुपचाप मौके से फरार हो गए। रामदास जब तक समझ पाते, ठग बहुत दूर निकल चुके थे।
कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर हुई वारदात
यह वारदात सदर कोतवाली से कुछ ही मीटर की दूरी पर हुई है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। रामदास ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
पुलिस बैंक और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। सदर कोतवाली प्रभारी अवनीश सिंह ने बताया कि,
“घटना की जांच की जा रही है। पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।”
सावधानी जरूरी, ठग बदल रहे हैं तरीके
यह घटना दर्शाती है कि अब ठग मददगार बनने का नाटक कर भोले-भाले लोगों को शिकार बना रहे हैं। खासकर बुजुर्गों को इस तरह के "सहायता करने वाले" अजनबियों से सतर्क रहना चाहिए।
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