हरदोई की अरीबा खां ने पेट्रोल पंप कर्मचारी पर तानी पिस्टल, CNG को लेकर हुए विवाद में दिखाई दबंगई


हरदोई, उत्तर प्रदेश – रविवार की शाम हरदोई के एक पेट्रोल पंप पर जो हुआ, उसने कानून-व्यवस्था और आम आदमी की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महिला द्वारा खुलेआम पिस्टल लहराने का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

कार से उतरने को कहा, पिस्टल तान दी

घटना हरदोई के बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के सांडी रोड पर स्थित हाईवे फ्यूल सेंटर की है। शाम करीब 6 बजे शाहबाद निवासी एहसान खां अपनी कार से पेट्रोल पंप पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी हुस्नबानो और बेटी अरीबा खां भी थीं। उन्हें CNG भरवानी थी।

पंप पर तैनात कर्मचारी रजनीश ने सुरक्षा नियमों के अनुसार उन्हें गाड़ी से उतरने को कहा, क्योंकि CNG भरते वक्त यात्रियों को बाहर उतरना अनिवार्य होता है। लेकिन यह बात अरीबा को पसंद नहीं आई।

“इतनी हिम्मत कैसे हुई?” – पिस्टल तान कर दी धमकी

बताया जा रहा है कि अरीबा ने गुस्से में आकर पर्स से पिस्टल निकाली और सीधा रजनीश के सीने पर तान दी।
बेचारा सेल्समैन स्तब्ध रह गया, उसे समझ ही नहीं आया कि उसकी गलती क्या थी – नियम बताना या कानून का पालन करवाना?

वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह अरीबा को शांत करने की कोशिश की, लेकिन तब तक किसी व्यक्ति ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

पुलिस ने लिया मामला संज्ञान में, एफआईआर दर्ज

वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और मामले को गंभीरता से लिया गया।
हरदोई पुलिस ने अरीबा खां के खिलाफ संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की है और पिस्टल को जब्त कर लिया गया है।
यह भी जांच की जा रही है कि पिस्टल लाइसेंसी थी या अवैध

सोशल मीडिया पर आक्रोश, कानून-व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी है।
लोग पूछ रहे हैं कि अगर एक सामान्य कर्मचारी को नियम समझाने पर पिस्टल दिखाई जाए, तो कानून का सम्मान कैसे बचेगा?

इस मामले को लेकर ट्विटर और फेसबुक पर लोग अरीबा खां की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
कुछ यूज़र्स ने यह भी कहा कि “अगर नियम बताने पर पिस्तौल मिलेगी, तो अगली बार कोई कुछ कहने की हिम्मत नहीं करेगा।”

यह सिर्फ घटना नहीं, मानसिकता का आईना है

यह घटना न सिर्फ एक कानून तोड़ने की कहानी है, बल्कि उस दबंग मानसिकता की भी झलक देती है, जहां लोग खुद को नियमों से ऊपर समझते हैं।
आम नागरिक, खासकर महिलाएं, जहां आत्मरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार लेती हैं — वहीं ऐसी घटनाएं उस भरोसे को भी कमजोर करती हैं।


हरदोई की घटना एक चेतावनी है — कानून को केवल किताबों तक सीमित रखने से नहीं चलेगा, उसका पालन और सम्मान जरूरी है।
पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने संदेश जरूर दिया है, लेकिन समाज को अब यह तय करना होगा कि हम किस तरह के नागरिक बनना चाहते हैं — कानून के साथ खड़े या उसकी बंदूक की नोंक पर?


✍️ लेखक: [रंजन बाजपेई "निडर" / sonofunnao.com]

प्रकाशन तिथि: 16 जून 2025
लोकेशन: हरदोई, उत्तर प्रदेश



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