ʺअमरेली में खेत से मासूम को उठा ले गया शेर, जंगल में मिले क्षत-विक्षत अवशेषʺ




अमरेली, गुजरात

गुजरात के अमरेली जिले के थोरडी गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। खेत में खेल रहे एक 6 वर्षीय मासूम बच्चे को शेर ने अपना निशाना बना लिया और उसे जंगल की ओर उठा ले गया। यह बच्चा मध्य प्रदेश से आए एक प्रवासी खेत मजदूर का बेटा था, जो अपने माता-पिता के साथ यहां मजदूरी के लिए आया हुआ था। घटना के समय वह खेत में अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था, तभी झाड़ियों के पीछे से निकले शेर ने अचानक उस पर हमला किया।

यह सब इतनी तेजी से हुआ कि कोई कुछ समझ भी नहीं पाया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर खेत में काम कर रहे मजदूर और ग्रामीण दौड़े, लेकिन तब तक शेर बच्चे को लेकर खेत से बाहर निकल चुका था और जंगल की ओर भाग गया। लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद सावरकुंडला वन प्रभाग की टीम मौके पर पहुंची और खोजबीन शुरू की।

कुछ घंटों की तलाशी के बाद जंगल के किनारे झाड़ियों में बच्चे के क्षत-विक्षत अवशेष मिले। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था और गांव में मातम छा गया। इस घटना ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया बल्कि पूरे गांव को भयभीत कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब शेर गांव में घुसा हो। पहले भी पशुओं पर हमले हो चुके हैं, लेकिन अब मामला एक मासूम की जान तक पहुंच गया है।

वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। घटना के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने शेर को ट्रैंकुलाइज़र गन की मदद से बेहोश किया और उसे पकड़कर पिंजरे में बंद कर दिया। इसके बाद उसे नरभक्षी घोषित कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस शेर की गतिविधियों पर पहले से नजर थी, लेकिन अब जब उसने इंसान पर हमला किया है, तो उसके स्थानांतरण और निगरानी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इस घटना के बाद क्षेत्र के किसान और प्रवासी मजदूर गहरे आक्रोश में हैं। उनका कहना है कि वे खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं, बच्चों को अकेले बाहर भेजने से डर लगने लगा है और प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल रहा। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग आसपास के क्षेत्र में सक्रिय शेरों की गिनती करे, और उनकी आवाजाही को सीमित करने के लिए उचित बैरिकेडिंग या रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए।

उधर, वन विभाग का कहना है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा और क्षेत्र में वन्यजीव सुरक्षा के लिए विशेष गश्त दल तैनात किए जाएंगे। लेकिन लोगों का भरोसा टूट चुका है, और वे चाहते हैं कि राज्य सरकार खुद हस्तक्षेप कर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले।

यह घटना मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव की बढ़ती घटनाओं की एक गंभीर बानगी है। जंगलों में भोजन और स्थान की कमी के चलते शेरों का गांवों की ओर रुख करना अब सामान्य होता जा रहा है, जिसका खामियाजा आम ग्रामीणों और खासकर बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि वन विभाग, प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।

#gujrat


📞 हमसे संपर्क करें:

आपके पास कोई खबर, सुझाव या शिकायत है? तो हमसे जुड़िए – आपकी बात हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

📧 ईमेल: sonofunnao@gmail.com

📱 फोन: +91-9044000032

💬 हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: https://chat.whatsapp.com/H4qfujCjmpIIb7SsuTWcI7

📝 खबर भेजिए, आवाज़ बनिए – क्योंकि आपकी बात मायने रखती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post