लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों पर सख्ती बरतने जा रही है। प्रदेश में संचालित 220 निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों की पहली आधिकारिक रैंकिंग जुलाई 2025 में जारी की जाएगी, जो कि नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की तर्ज पर तैयार किए गए स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (SIRF) के तहत होगी। इस रैंकिंग के लिए मूल्यांकन अप्रैल से जून के बीच किया गया है। संस्थानों को पठन-पाठन की गुणवत्ता, कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, प्लेसमेंट की स्थिति, भवन, छात्रावास की सुविधा, उद्योगों से सहयोग और अन्य बुनियादी संसाधनों के आधार पर A से D ग्रेड दिए जाएंगे। जिन निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों को लगातार तीन वर्षों तक C या D ग्रेड मिलता रहेगा और उनमें सुधार नहीं होगा, उन्हें नए दाखिले लेने से रोक दिया जाएगा। इसके बाद, वे संस्थान बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि, पहले से दाखिला ले चुके छात्रों को कोर्स पूरा करने दिया जाएगा।
प्राविधिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण के अनुसार, कमजोर संस्थानों की पहले "हैंड होल्डिंग" के ज़रिए मदद की जाएगी ताकि वे अपनी व्यवस्था में सुधार कर सकें। लेकिन यदि वे निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं, तो उन्हें प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। यह फैसला प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की गिरती गुणवत्ता पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है, जिससे छात्रों को बेहतर और व्यावहारिक शिक्षा मिल सके।
इसी क्रम में संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (JEECUP) ने पॉलिटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए पांच चरणों की ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया की घोषणा की है। काउंसिलिंग की शुरुआत 27 जून से होगी। पहले तीन चरण केवल उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगे।
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पहले चरण में 27 जून से 2 जुलाई तक विकल्प भरने की प्रक्रिया चलेगी, 3 जुलाई को सीट आवंटन होगा और 4 से 7 जुलाई तक फीस जमा व दस्तावेज सत्यापन किया जाएगा।
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दूसरे चरण में 9 से 11 जुलाई तक च्वाइस फिलिंग, 12 जुलाई को आवंटन और 13 से 16 जुलाई तक शुल्क व दस्तावेज सत्यापन होगा।
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तीसरे चरण में 18 से 20 जुलाई तक विकल्प भरने होंगे, 21 जुलाई को आवंटन और 22 से 25 जुलाई तक सत्यापन की प्रक्रिया चलेगी। इस चरण में आवंटित सीट स्वतः फ्रीज हो जाएगी और अंतिम रूप से कन्फर्म मानी जाएगी।
काउंसिलिंग पोर्टल https://jeecup.admissions.nic.in पर जाकर छात्र लॉगिन कर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को "फ्रीज" या "फ्लोट" विकल्प चुनना अनिवार्य होगा। अगर वे दस्तावेज सत्यापन नहीं कराते या फीस जमा नहीं करते हैं, तो अगले चरण में वे अयोग्य हो जाएंगे। सीट छोड़ने की स्थिति में फीस उनके बैंक खाते में वापस कर दी जाएगी। परिषद ने छात्रों से कहा है कि वे प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अपना सक्रिय मोबाइल नंबर ही दर्ज करें, क्योंकि सभी जरूरी सूचनाएं उसी पर भेजी जाएंगी।
यह पूरी कवायद उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की छवि को बेहतर करने और गुणवत्तापूर्ण संस्थानों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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