उन्नाव
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक बार फिर मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है। औरास ब्लॉक की ग्राम पंचायत मैनी भावा खेड़ा के मजरे भीखी खेड़ा गांव में शुक्रवार को छह साल की मासूम बच्ची का शव गांव के बाहर बह रहे राजबहे में संदिग्ध परिस्थिति में मिला। यह वही बच्ची थी जो गुरुवार शाम रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। बच्ची की लापता होने की घटना के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई थी और रातभर परिजन व ग्रामीण उसे ढूंढते रहे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। शुक्रवार सुबह उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट औरास थाने में दर्ज कराई गई। लेकिन दोपहर होते-होते जैसे ही उसका शव राजबहे में तैरता हुआ मिला, गांव में मातम और दहशत की लहर दौड़ गई।
परिजनों के अनुसार, गुरुवार शाम मासूम बच्ची अपने बाबा (दादा) को पानी देने के लिए झोपड़ी की ओर गई थी, जहां एक पाइप से पानी भरकर लाया जाता है। एक बार पानी देने के बाद वह दोबारा झोपड़ी की ओर गई लेकिन फिर कभी लौटकर नहीं आई। पहले परिजनों ने उसे आस-पास ढूंढा, फिर ग्रामीणों ने भी मोर्चा संभाला, लेकिन पूरी रात खोजबीन के बावजूद बच्ची का कोई अता-पता नहीं चल सका। बच्ची के अचानक गायब होने से घर वालों की चिंता गहराती चली गई। शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना दी गई और थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई।
जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, क्षेत्राधिकारी (CO) बांगरमऊ अरविंद कुमार चौरसिया पुलिस बल और डॉग स्क्वायड टीम के साथ मौके पर पहुंचे। गांव के आसपास खोजबीन शुरू की गई। इस दौरान डॉग स्क्वायड का कुत्ता 'ब्लूई' झोपड़ी से लगभग एक किलोमीटर दूर जाकर फिर उसी जगह लौट आया जहां बच्ची आखिरी बार गई थी। डॉग के इसी व्यवहार से पुलिस को शक हुआ कि घटना में किसी जानकार या गांव के ही किसी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने गांव के ही एक युवक को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।
दोपहर लगभग 2:30 बजे एक और सनसनीखेज मोड़ तब आया जब गांव के कुछ लोगों ने राजबहे में पानी में तैरते हुए एक हाथ देखा। पास जाकर देखा तो वह उसी लापता बच्ची का शव था। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। क्षेत्राधिकारी और पुलिस टीम की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बच्ची के शरीर पर केवल एक गुलाबी रंग की टी-शर्ट थी और गले में एक काला धागा बंधा हुआ था, लेकिन उसके अंडरगारमेंट्स गायब थे। इस परिस्थिति ने यौन उत्पीड़न की आशंका को और गहरा कर दिया। शव की हालत को देखते हुए यह साफ महसूस हो रहा था कि बच्ची के साथ पहले कुछ दरिंदगी हुई और फिर उसकी हत्या कर शव को बहते पानी में फेंक दिया गया।
पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। शाम को करीब 5 बजे स्वयं पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक भूकर गांव पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के लिए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को भी लगा दिया गया। एसपी ने भरोसा दिलाया कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे।
गांव में इस घटना के बाद मातम छा गया है। बच्ची के माता-पिता सदमे में हैं और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों का मानना है कि यह जघन्य अपराध गांव के ही किसी व्यक्ति द्वारा किया गया है, जो मासूम के आसपास की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ था। बच्ची की मौत के बाद लोग घरों में दुबके हुए हैं और हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर इतनी छोटी बच्ची को इतनी बेरहमी से क्यों मारा गया।
फिलहाल पुलिस हर संभव एंगल से मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकेगा कि बच्ची के साथ क्या-क्या हुआ और उसकी मौत की असली वजह क्या थी। लेकिन इतना तय है कि इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे उन्नाव को झकझोर दिया है और अब हर कोई उस मासूम के लिए न्याय की मांग कर रहा है, जिसकी मासूमियत को दरिंदगी ने निगल लिया।
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