तालाब की सफाई या राजनीति का कीचड़? स्वतंत्र देव सिंह के वायरल वीडियो पर अखिलेश यादव का तीखा वार


अखिलेश बोले—"भाजपा की सफ़ाई भी जुमलाई! अब भाजपा को जनता साफ़ करेगी"

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोशल मीडिया एक बार फिर सियासी तकरार का अखाड़ा बन गया है। इस बार निशाने पर हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वे तालाब से कीचड़ निकालते नजर आते हैं, और ठीक इसी दृश्य को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है।


तालाब से कीचड़ निकालते स्वतंत्र देव, विपक्ष ने उठाया ‘प्रदर्शन’ का सवाल

वीडियो में स्वतंत्र देव सिंह पानी में घुसकर हाथों से कीचड़ निकालते दिखते हैं। उनके आस-पास कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं। दृश्य को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि यह एक सुनियोजित प्रचार वीडियो है, जो भाजपा की “सेवा भावना” को दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन विपक्ष इसे दिखावटी और चुनावी स्टंट बता रहा है।


अखिलेश यादव का कटाक्ष: "अब जनता ही भाजपा को साफ़ करेगी"

अखिलेश यादव ने वीडियो को शेयर करते हुए तीखा कटाक्ष किया और लिखा:
"भाजपा की सफ़ाई भी जुमलाई! अब भाजपा को जनता साफ़ करेगी।"
यह बयान केवल वीडियो पर नहीं, बल्कि भाजपा के पूरे प्रशासनिक कार्यशैली पर सवालिया निशान है। उनका संदेश साफ था—भाजपा की कोशिशें केवल दिखावे तक सीमित हैं, और जनता अब जागरूक हो चुकी है।

देखे पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा फेसबुक पर किया गया पोस्ट


जनता को क्या दिख रहा है: सेवा या स्क्रिप्टेड शो?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के वीडियो दो धाराओं में देखे जा सकते हैं—

  1. प्रेरणादायक, यदि नेता वास्तव में समाज सेवा कर रहे हों।
  2. राजनीतिक अभिनय, यदि ऐसे दृश्य केवल कैमरे के लिए किए जाएं।

जनता का एक वर्ग इन प्रयासों को सराहना भी कर रहा है, लेकिन बड़ा हिस्सा इसे चुनावी माहौल में इमेज बिल्डिंग की कवायद मान रहा है।


कीचड़ से सफाई या राजनीति का मैल?

तालाब की सफाई करते नेता का वीडियो अब साफ-सुथरे राजनीतिक बहस की जगह कीचड़ उछालने का माध्यम बन गया है। सवाल यह है कि क्या इस सफाई के पीछे वास्तव में कोई सामाजिक सोच है, या यह केवल सियासी ‘पैकेजिंग’ है?

जनता के पास अब यह तय करने का वक्त है कि वह वीडियो में दिख रही मेहनत पर विश्वास करे या शब्दों में छिपे व्यंग्य को समझे।

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