लेखक: [रंजन बाजपेई निडर]
1857: विद्रोह की पृष्ठभूमि
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शोषण, धार्मिक हस्तक्षेप, ज़मींदारी प्रथा, किसान उत्पीड़न और सैनिकों की आस्था को ठेस पहुँचाने वाली घटनाओं ने समूचे देश में असंतोष को जन्म दिया। चर्बी लगे कारतूस ने सैनिकों की आत्मा को झकझोर दिया, और जब बारूद फूटी, तो उसमें स्वाधीनता की पुकार थी।
उन्नाव: संघर्ष की भूमि
1857 के विद्रोह में उन्नाव ने वीरता और प्रतिरोध का इतिहास रचा। यह जिला कानपुर और लखनऊ के बीच स्थित था, जिससे यह रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बन गया।
1. विद्रोह की चिंगारी
- उन्नाव के मोहान, पुरवा, गदोरवा, बांगरमऊ और सफीपुर क्षेत्रों में ग्रामीणों और ज़मींदारों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोला।
- कई सिपाही और स्थानीय युवा अपने हथियारों के साथ बगावत में शामिल हो गए।
2. क्रांतिकारी गतिविधियाँ
- सरकारी भवनों, राजस्व कोठियों और अंग्रेज अधिकारियों के ठिकानों को आग के हवाले किया गया।
- स्थानीय गांवों में रात्रियों को गुप्त बैठकें होती थीं, जहाँ विद्रोह की योजनाएँ बनती थीं।
3. महिलाओं की भागीदारी
- इस संघर्ष में महिलाओं ने भी साहसिक योगदान दिया। उन्होंने न केवल पुरुषों के लिए भोजन, हथियार और संदेश पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि कई बार स्वयं भी संघर्ष में शामिल हुईं।
ब्रिटिश दमन और बलिदान
- अंग्रेजों ने उन्नाव में विद्रोह को दबाने के लिए क्रूर दमन नीति अपनाई। सैकड़ों लोगों को खुले मैदानों में फांसी पर लटका दिया गया।
- कई गांवों को "विद्रोही" घोषित कर जला दिया गया।
- विद्रोहियों की पहचान करने के लिए मुखबिरों को भेजा गया, जिससे कई क्रांतिकारी पकड़ लिए गए।
कानपुर और लखनऊ से जुड़ाव
- नाना साहब पेशवा, तांत्या टोपे और बेगम हज़रत महल के विद्रोही दस्तों के लिए उन्नाव एक राहदारी और आपूर्ति मार्ग था।
- कई बार अंग्रेजों और विद्रोहियों के बीच उन्नाव की भूमि पर सीधे युद्ध भी हुए।
इतिहास में अमर गाथा
- आज भी उन्नाव के गाँवों में बुजुर्ग 1857 के बलिदानियों की कथाएँ सुनाते हैं।
- पुरवा और मोहान जैसे कस्बों में स्वतंत्रता संग्राम के स्मारक बनवाए गए हैं, जहाँ हर वर्ष श्रद्धांजलि दी जाती है।
निष्कर्ष
1857 का संग्राम केवल एक सैन्य विद्रोह नहीं था, यह भारतीय आत्मा की स्वतंत्रता की पहली पुकार थी। उन्नाव की भूमि ने इस संघर्ष में जो भूमिका निभाई, वह भुलायी नहीं जा सकती। यह जिला आज भी अपने वीरों की कहानियों से गर्वित है और हमें प्रेरणा देता है कि आज़ादी की क़ीमत क्या होती है।