उत्तर प्रदेश। 17 अगस्त।
बलरामपुर ज़िले से एक बड़ी खबर सामने आई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) धर्मवीर सिंह ने गुरुवार को नोएडा के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) प्रशासन मंगलेश दुबे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिया है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आगामी 15 अक्टूबर तक आरोपी अधिकारी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाए।
यह मामला जुलाई 2023 का है, जब बलरामपुर की तुलसीपुर तहसील में उस समय के एसडीएम मंगलेश दुबे और अधिवक्ता विनोद कुमार दुबे के बीच गंभीर विवाद हुआ था। आरोप है कि एसडीएम मंगलेश दुबे ने अधिवक्ता के साथ मारपीट और अभद्रता की थी। इस घटना ने अधिवक्ताओं में आक्रोश पैदा कर दिया था और पीड़ित अधिवक्ता ने इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी।
मामला न्यायालय में पहुंचने के बाद सीजेएम कोर्ट ने कई बार एसडीएम मंगलेश दुबे को समन भेजकर पेश होने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने बार-बार अदालत की कार्यवाही से किनारा किया। अदालत के आदेशों की अवहेलना और पेश न होने के कारण आखिरकार अदालत को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का कठोर कदम उठाना पड़ा।
इस बीच मंगलेश दुबे का प्रमोशन हो गया और वे बलरामपुर से स्थानांतरित होकर नोएडा के एडीएम प्रशासन के पद पर तैनात हो गए। पदोन्नति और नई जिम्मेदारी मिलने के बाद भी उन्होंने अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष नहीं रखा। अदालत ने इसे आदेश की अवमानना मानते हुए अब उनकी गिरफ्तारी का सख्त आदेश जारी किया है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश नहीं करती, तो आगे और भी कड़ी कार्रवाई संभव है। इस घटना ने एक बार फिर अधिकारियों के आचरण और उनकी जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए ।
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