CJI बीआर गवई का बुलडोज़र जस्टिस पर बड़ा बयान
संविधान का मूल ढांचा अटूट: CJI ने इटली के मिलान में कहा कि संविधान के मूल ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।
घर सिर्फ संपत्ति नहीं, सपनों का प्रतीक: उन्होंने कहा कि एक घर व्यक्ति की बरसों की मेहनत, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है—इसे महज़ प्रॉपर्टी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
कार्यपालिका नहीं बन सकती जज, जूरी और जल्लाद: CJI ने बुलडोज़र कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार एकतरफा फैसले लेकर न्याय नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त रोक: उन्होंने 2024 के फैसले का जिक्र किया जिसमें कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया के बिना घर गिराने पर रोक लगाई थी—यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन माना गया था।
न्यायपालिका बनाम संसद का ऐतिहासिक संघर्ष: CJI ने बताया कि कैसे सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को लागू करने की कोशिशों में शुरुआत में संसद और न्यायपालिका के बीच तनाव था, जिसकी परिणति केसवानंद भारती मामले में हुई।
75 वर्षों में संविधान की सफलता: उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में संविधान ने आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई—शिक्षा से लेकर आजीविका तक।
संविधान एक क्रांतिकारी दस्तावेज: CJI गवई ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ शासन का ढांचा नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का क्रांतिकारी बयान है।
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