बड़ा खुलासा: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। रविवार, 22 जून को एजेंसी ने दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आतंकियों को पनाह देने और हमले को अंजाम देने में सहायता करने का आरोप है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
आरोपियों की पहचान: गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर के रूप में हुई है। परवेज पहलगाम के बटकोट इलाके का रहने वाला है, जबकि बशीर हिल पार्क क्षेत्र का निवासी है। दोनों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उन्होंने हमले से पहले आतंकियों को अपने इलाके में छिपाया था।
आतंकियों को दी गई पनाह: NIA की जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने तीन सशस्त्र आतंकियों को हमले से पहले जानबूझकर हिल पार्क इलाके की एक झोपड़ी में शरण दी थी। आतंकियों को रसद, मार्ग और सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराकर हमले को अंजाम देने में इनकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव: आरोपियों ने पूछताछ में जिन तीन आतंकियों की पहचान बताई है, वे सभी पाकिस्तान के नागरिक हैं और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं। हमले की साजिश पहले से रची गई थी और आतंकियों ने रणनीति के तहत बैसरन घाटी में हमला किया।
हमले का तरीका और उद्देश्य: 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में सैलानियों की भीड़ के बीच घुसे इन आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाकर गोलियां बरसाईं। इस निर्मम हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। आतंकियों का उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव फैलाना और पर्यटन पर असर डालना था।
NIA का आधिकारिक बयान: NIA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह गिरफ्तारी इस केस में अब तक की सबसे बड़ी सफलता है। बयान के मुताबिक, आरोपी सिर्फ पनाह ही नहीं दे रहे थे, बल्कि आतंकियों के लिए मार्गदर्शन और सहयोग भी कर रहे थे। इससे साफ है कि हमले में स्थानीय नेटवर्क की भी बड़ी भूमिका रही।
कानूनी कार्रवाई और UAPA: दोनों आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस धारा के तहत किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ाव रखने या सहयोग करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
जांच जारी, और गिरफ्तारी संभव: NIA की टीम इस मामले में और भी गहराई से जांच कर रही है। एजेंसी को शक है कि इस हमले में और भी स्थानीय लोग शामिल हो सकते हैं, जो आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देते रहे हैं। जांच के अगले चरण में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जिससे घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।
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