कानपुर।
कानपुर नगर के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा प्रशासनिक विवाद सामने आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी ने जिले के जिलाधिकारी (डीएम) जितेन्द्र प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार का दबाव बनाने, जातिगत टिप्पणी करने और मानसिक उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इन आरोपों के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी भेजा है और पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
डॉ. नेमी ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने डीएम पर सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड फर्म मे० जे० एम० को ₹1.60 करोड़ का भुगतान करने का दबाव डालने का आरोप लगाया। सीएमओ के अनुसार, जब उन्होंने इस फर्म को भुगतान करने से मना किया, तो डीएम ने उन्हें न सिर्फ धमकाया बल्कि जातिगत अपमान करते हुए कहा कि "तुम दलित जाति के मंद बुद्धि वाले हो"। उन्होंने यह भी बताया कि डीएम की ओर से लगातार मानसिक दबाव बनाया जाता रहा, जिससे उनका कार्य करना कठिन हो गया।
डॉ. नेमी ने प्रेस वार्ता में बताया कि उन्होंने यह पूरा मामला एक लिखित पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है। पत्र में उन्होंने प्रशासनिक दुर्भावना, भ्रष्टाचार और अपमानजनक व्यवहार की पूरी जानकारी देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके निलंबन की कार्यवाही भी इसी दबाव और साजिश का परिणाम है, क्योंकि उन्होंने गलत कार्यों में साथ देने से इनकार कर दिया था।
फिलहाल इस मामले ने स्वास्थ्य और प्रशासनिक विभाग में हलचल मचा दी है। हालांकि डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सीएमओ के आरोपों के बाद शासन स्तर पर गंभीरता देखी जा रही है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे सकती है।
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