भाजपा नगर अध्यक्ष की दबंगई कैमरे में कैद: कहा – "चाहे योगी जी को बुला लो, मेरे सामने हैसियत क्या है"

उन्नाव में सत्ता का रौब खुलेआम, पीड़ित ने SP से लगाई न्याय की गुहार

उन्नाव | संवाददाता
उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। उन्नाव जनपद में भाजपा के एक नगर अध्यक्ष की दबंगई का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह एक बेशकीमती प्लॉट पर कब्जा करने पहुंचा और सत्ता का रौब दिखाते हुए खुलेआम कहता है – "मेरे सामने हैसियत क्या है, चाहे योगी जी को बुला लो!"

यह मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के गदनखेड़ा चौराहे के पास का है, जहां लखनऊ-कानपुर हाईवे से सटे एक कीमती प्लॉट पर देर रात भाजपा नेता अवनीश गुप्ता उर्फ छोटे, अपने साथियों के साथ जबरन कब्जा करने पहुंचा। मौके पर मौजूद लोगों के विरोध पर जमकर गाली-गलौज और धमकीबाज़ी की गई।

पीड़ित की पुकार: ‘न्यायालय के आदेश के बाद भी ये लोग नहीं मान रहे’

इस प्लॉट के मालिक रविशंकर मिश्रा, जो कानपुर के निवासी हैं, ने बताया कि यह जमीन उनका वैध स्वामित्व है और अदालत द्वारा उन्हें इसका आदेश भी प्राप्त है। बावजूद इसके भाजपा नेता लगातार दबाव बनाकर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं।

रविशंकर मिश्रा का आरोप है कि बुधवार देर रात अवनीश गुप्ता अपने साथियों के साथ शराब के नशे में पहुंचे और प्लॉट की बाउंड्री गिराने लगे। विरोध करने पर न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि यह भी कह डाला –

"अगर मैं भाजपा में न होता तो दो मिनट में खाली करा देता।"

वीडियो वायरल: सत्ता का अहंकार साफ दिखा

पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो चुका है और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें अवनीश गुप्ता की भाषा, अंदाज और धमकी भरे लहजे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। विपक्षी दलों और आम जनता में इसको लेकर गहरा आक्रोश है।

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करे।

पुलिस से शिकायत, एसपी का आश्वासन

रविशंकर मिश्रा ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी उन्नाव दीपक भूकर ने जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

 रविशंकर मिश्रा, पीड़ित प्लॉट मालिक

"अदालत के आदेश के बावजूद बार-बार दबंगई की जा रही है। वो लोग सत्ता की आड़ में कब्जा करना चाहते हैं। जब विरोध किया तो बोले – चाहे योगी जी को बुला लो। क्या यही है लोकतंत्र?"


यह मामला न सिर्फ जमीन कब्जे का है, बल्कि एक सत्ताधारी नेता द्वारा कानून और व्यवस्था को ठेंगा दिखाने का ज्वलंत उदाहरण भी है। सवाल उठता है – जब सत्ता से जुड़े लोग ही कानून तोड़ेंगे, तो आम जनता किससे उम्मीद करेगी?

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