उन्नाव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या? जांच में जुटी पुलिस


उन्नाव | संवाददाता

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद में सोमवार सुबह एक ही परिवार के चार लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से सनसनी फैल गई। अचलगंज थाना क्षेत्र के साहबखेड़ा गांव में युवक का शव घर के अंदर फंदे से लटकता मिला, जबकि उसकी पत्नी और दो मासूम बेटियों के शव पास ही चारपाई पर पड़े थे। शुरुआती जांच में मामला सामूहिक आत्महत्या प्रतीत हो रहा है, लेकिन परिजनों ने हत्या का संदेह जताया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और फोरेंसिक टीम की मदद से जांच शुरू कर दी है।

घर में मिलीं चार लाशें, गांव में पसरा मातम

मृतक की पहचान 35 वर्षीय अमित यादव पुत्र उमेश चंद्र यादव के रूप में हुई है। वह अपने पैतृक गांव साहबखेड़ा में खेती-बाड़ी कर जीवन यापन कर रहा था। रविवार को मृतक के माता-पिता और चारों भाई एक रिश्तेदार की शादी में रायबरेली के डलमऊ गए हुए थे। घर पर अमित, उसकी पत्नी गीता (30), बड़ी बेटी खुशी (10) और छोटी बेटी निधि (6) ही मौजूद थे।

सोमवार सुबह लगभग 7:30 बजे जब अमित का छोटा भाई अजीत गांव लौटा, तो कुछ देर बाद पास के टिकरी गांव से एक अनाज व्यापारी गेहूं खरीदने बागड़ गांव आया। वह अमित के घर के पास एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा। तभी उसकी नजर अमित के घर में लगे जंगले पर गई, जहां से लाल गमछे में किसी व्यक्ति के बाल नजर आए। उसने तत्काल इसकी जानकारी अजीत को दी।

छत के रास्ते घर में दाखिल हुए अजीत ने देखा कि अमित का शव गमछे के सहारे फंदे से लटका हुआ था। पास ही चारपाई पर गीता, खुशी और निधि मृत पड़ी थीं। गीता के सीने पर एक तकिया रखा हुआ था, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि तीनों की गला दबाकर हत्या की गई हो सकती है।

पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची

घटना की सूचना मिलते ही थाना अचलगंज की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। साथ ही फोरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वॉड की टीम को भी बुलाया गया। उन्नाव के पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर, अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश सिंह और क्षेत्राधिकारी ऋषिकांत शुक्ला ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और साक्ष्य एकत्र किए।

एसपी दीपक भूकर ने बताया कि घटना अत्यंत गंभीर है और हर पहलू से जांच की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों से तहरीर प्राप्त होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, पुरानी रंजिश का आरोप

मृतक अमित के पिता उमेश चंद्र यादव ने गांव के ही एक अन्य यादव परिवार पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से मुकदमेबाजी चल रही है, जो अब रंजिश में तब्दील हो गई है। उमेश चंद्र ने आशंका जताई है कि उसी रंजिश के चलते अमित और उसके पूरे परिवार को निशाना बनाया गया है।

गांव में पसरा सन्नाटा, हर आंख नम

चार-चार शवों के साथ एक ही घर से निकली अर्थियां पूरे गांव के लिए कभी न भूलने वाला दृश्य बन गई हैं। गांव के लोगों के अनुसार, अमित का परिवार बेहद सरल और शांतिप्रिय था। बच्चियां स्कूल जाती थीं और गीता गांव की अन्य महिलाओं के साथ घरेलू कार्यों में लगी रहती थीं।

स्थानीय निवासी राकेश यादव ने बताया, "किसी को यकीन नहीं हो रहा कि ऐसा कुछ हो सकता है। यह आत्महत्या नहीं लगती, बल्कि सोची-समझी हत्या है। प्रशासन को निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।"

पुलिस की जांच पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर गांव में पहले से मुकदमेबाजी चल रही थी, तो पुलिस को सतर्क रहना चाहिए था। ऐसे मामलों में समय रहते हस्तक्षेप न करने से कभी-कभी गंभीर परिणाम सामने आते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

फिलहाल जांच जारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस ने घर से साक्ष्य एकत्र किए हैं और घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीम द्वारा लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट और पोस्टमार्टम की मेडिकल राय के बाद ही यह तय हो सकेगा कि यह आत्महत्या थी या सुनियोजित हत्या।

प्रशासन ने की शांति बनाए रखने की अपील

जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि सच्चाई सामने लाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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