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यमन में हत्या के मामले में मौत की सजा पाए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आईं भारत के केरल राज्य की रहने वाली निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है, जिससे उनके परिवार, समर्थकों और देशभर में फैले मानवाधिकार संगठनों को गहरी राहत मिली है। यह फैसला उस समय आया जब भारत के एक प्रमुख सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार, जिन्हें भारत का ग्रैंड मुफ्ती भी माना जाता है, ने व्यक्तिगत प्रयास कर ब्लड मनी (रक्त मूल्य) की पेशकश के ज़रिए समाधान निकालने की पहल की। फांसी की तारीख 16 जुलाई निर्धारित की गई थी, लेकिन उससे ठीक पहले 15 जुलाई को यमन के धमार शहर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार से बातचीत की गई।
निमिषा प्रिया का मामला पिछले कई वर्षों से विवाद और सहानुभूति का केंद्र रहा है। निमिषा, एक प्रशिक्षित नर्स थीं, जो नौकरी के सिलसिले में यमन गई थीं। वहां उनके साथ कई प्रकार की प्रताड़नाएं और दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आईं थीं। उन्होंने अपने बचाव और वापसी की कोशिशों में यमन के नागरिक तलाल महदी की हत्या कर दी, ऐसा आरोप है। उन्होंने अपने बचाव में यह भी बताया कि महदी द्वारा उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था और उन्हें वापस भारत लौटने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। यमन की अदालत ने 2017 में इस हत्या मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई थी, जो हाल में अंतिम चरण में पहुंच गई थी।
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब भारत के धर्मगुरु कंथापुरम ने यमन के प्रतिष्ठित सूफी धर्मगुरु शेख हबीब उमर बिन हाफिज से संपर्क कर धार्मिक स्तर पर संवाद स्थापित किया, और पीड़ित परिवार से ब्लड मनी के बदले माफी की अपील की। ब्लड मनी, इस्लामी न्याय प्रणाली में वह धनराशि होती है जिसे आरोपी पक्ष मृतक के परिजनों को भुगतान करता है, ताकि वे बदले में सजा माफ कर सकें। इस कानून का आधार कुरान और शरीयत में दिया गया है, और इसे कई मुस्लिम देशों में लागू किया जाता है, विशेषकर यमन जैसे देश में जहां शरीयत आधारित न्याय व्यवस्था प्रमुख है।
कंथापुरम के प्रयासों से 15 जुलाई को पहली बार पीड़ित महदी के परिवार के साथ एक औपचारिक बैठक आयोजित की गई, जिसे यमन के सूफी नेता हबीब उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों ने नेतृत्व दिया। इस बैठक में यमन के होडैदाह कोर्ट के चीफ जस्टिस, जो पीड़ित महदी के नजदीकी रिश्तेदार भी बताए जाते हैं, भी शामिल हुए। यह वही व्यक्ति हैं जो यमन की शूरा काउंसिल के सदस्य भी हैं, और जिनका प्रभाव यमन की सामाजिक और कानूनी व्यवस्था पर काफी गहरा है। उम्मीद जताई गई थी कि उनका हस्तक्षेप पीड़ित परिवार को ब्लड मनी स्वीकार करने और निमिषा को माफ करने के लिए राज़ी कर सकता है।
कंथापुरम के कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि यह हत्या केवल महदी के परिवार का निजी मामला नहीं है, बल्कि धमार क्षेत्र की सामूहिक अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बन चुका है। यही वजह रही कि अब तक पीड़ित परिवार किसी भी बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ था। लेकिन अब पहली बार बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई है, जो एक बड़ा सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि पीड़ित परिवार ने ब्लड मनी स्वीकार की है या नहीं, लेकिन बैठक का उद्देश्य और परिणाम काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
इस घटनाक्रम से भारत में भी बड़ी हलचल देखी जा रही है। विशेष रूप से केरल राज्य, जहां से निमिषा प्रिया ताल्लुक रखती हैं, वहां लोगों में भारी चिंता और संवेदनाएं उभरी हैं। निमिषा की मां, परिजन और सामाजिक कार्यकर्ता लगातार केंद्र सरकार से इस मामले में कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप की मांग करते रहे हैं। कई बार विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय तक ज्ञापन भी भेजे गए। इससे पहले भी मानवाधिकार संगठनों और प्रवासी भारतीय समुदाय ने निमिषा को न्याय दिलाने की मांग की थी, यह कहते हुए कि उन्होंने आत्मरक्षा में यह कदम उठाया था।
अब जबकि फांसी की तारीख टल गई है और बातचीत का रास्ता खुला है, उम्मीद की जा रही है कि यमन की धार्मिक और न्यायिक संस्थाएं, भारत के धार्मिक नेता और राजनयिक प्रयास मिलकर इस मामले का ऐसा समाधान निकालेंगे जिससे एक महिला को नया जीवन मिल सके। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धर्म, न्याय और मानवता के संतुलन का उदाहरण बन सकता है। यदि ब्लड मनी स्वीकार की जाती है, तो यह न केवल निमिषा के लिए राहत होगी, बल्कि ऐसे मामलों में वैकल्पिक समाधान और धार्मिक संवाद की शक्ति का प्रमाण भी होगा।
फिलहाल पूरे भारत और विशेष रूप से केरल में निगाहें यमन से आने वाली अगली खबर पर टिकी हैं। यदि आने वाले दिनों में पीड़ित परिवार ब्लड मनी स्वीकार करता है, तो निमिषा प्रिया की फांसी को स्थायी रूप से रोका जा सकता है — जो कि एक मानवीय, धार्मिक और कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जाएगा।
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