ब्रिटेन की प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था Competition and Markets Authority (CMA) ने गूगल के सर्च इंजन पर नियंत्रण लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। CMA ने प्रस्ताव दिया है कि गूगल को "रणनीतिक बाजार स्थिति" (Strategic Market Status – SMS) के रूप में चिह्नित किया जाए, जिससे डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके और पारदर्शिता लाई जा सके। यह कार्रवाई हाल ही में लागू हुए Digital Markets, Competition and Consumers Act के तहत की जा रही है, जो CMA को बड़ी टेक कंपनियों पर अधिक निगरानी और हस्तक्षेप की शक्ति देता है। वर्तमान में गूगल ब्रिटेन के सर्च इंजन बाजार में 90% से अधिक की हिस्सेदारी रखता है, जिससे वह बाजार में एक प्रभुत्वशाली स्थिति में है।
यदि CMA का यह प्रस्ताव अक्टूबर 2025 तक अंतिम रूप ले लेता है, तो गूगल को कई बड़े बदलाव करने होंगे। इन बदलावों में सबसे प्रमुख होगा ‘फेयर रैंकिंग’ प्रणाली को अपनाना, जिससे किसी वेबसाइट को पक्षपातपूर्ण ढंग से ऊपर या नीचे नहीं दिखाया जाएगा। इसके अलावा गूगल को अपने एल्गोरिद्म और रैंकिंग सिस्टम को लेकर प्रकाशकों के लिए अधिक पारदर्शिता लानी होगी। साथ ही, गूगल को अपनी सेवाओं में प्रतिद्वंद्वी सर्च इंजनों के लिए भी जगह देनी होगी ताकि उपयोगकर्ता उन्हें सरलता से एक्सेस कर सकें। इसके अतिरिक्त, डेटा पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी अनिवार्य की जाएगी, जिससे उपयोगकर्ता अपने डेटा को अन्य प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से ट्रांसफर कर सकें और प्रतियोगी कंपनियों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिले।
CMA की प्रमुख सारा कार्डेल ने कहा कि गूगल सर्च ने निश्चित रूप से उपभोक्ताओं को कई लाभ दिए हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि इस क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी, नवाचारयुक्त और पारदर्शी बनाया जाए। इस प्रस्ताव से विशेष रूप से मीडिया और समाचार प्रकाशन उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है। न्यूज़ मीडिया एसोसिएशन के प्रतिनिधि सेबेस्टियन कटिल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर गूगल के AI फीचर्स जैसे कि AI Overviews में न्यूज़ कंटेंट को लेकर पारदर्शिता आती है, तो यह मीडिया इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा बदलाव होगा, जिससे उन्हें अपने कंटेंट का सही मूल्य मिलने लगेगा।
हालांकि, गूगल ने CMA के इस प्रस्ताव का विरोध किया है। गूगल के प्रतिस्पर्धा निदेशक ओलिवर बेथेल ने कहा कि CMA की योजना बहुत ही व्यापक है और इसके पीछे कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की सख्त नीतियों से ब्रिटेन में गूगल की नवीनतम सेवाओं तक उपभोक्ताओं की पहुंच सीमित हो सकती है और इससे तकनीकी नवाचार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। फिलहाल CMA की निगाहें गूगल की पारंपरिक सर्च सेवाओं पर हैं, लेकिन वह अब गूगल के AI आधारित प्लेटफॉर्म Gemini AI Assistant और जेनरेटिव AI तकनीक पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, हालांकि Gemini फिलहाल निगरानी के दायरे से बाहर है। CMA का मानना है कि भविष्य में जेनरेटिव AI तकनीक सर्च बाजार की पूरी संरचना को बदल सकती है।
यह कार्रवाई केवल ब्रिटेन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गूगल के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जारी दबाव का हिस्सा है। अमेरिका में अगस्त 2024 में एक अदालत ने गूगल को "अवैध सर्च मोनॉपॉली" करार दिया था, जबकि यूरोपीय संघ पहले ही गूगल पर कई बार अरबों यूरो के जुर्माने लगा चुका है। 2017 में लगाए गए €2.4 अरब के जुर्माने को 2024 में EU की सर्वोच्च अदालत ने भी बरकरार रखा। हालांकि ब्रिटेन की CMA की रणनीति यूरोपीय संघ की तरह व्यापक नहीं, बल्कि अधिक लक्षित और केंद्रित है। इसका उद्देश्य सर्च विज्ञापन की लागत को घटाना और AI आधारित वैकल्पिक सर्च विकल्पों को प्रोत्साहित करना है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा सर्च विज्ञापन मॉडल हर साल ब्रिटेन के एक सामान्य परिवार पर लगभग £500 का आर्थिक बोझ डालता है। इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए CMA की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि CMA की अंतिम रिपोर्ट अक्टूबर 2025 में प्रकाशित होगी, जिसके आधार पर गूगल पर व्यापक बदलावों को अनिवार्य किया जा सकता है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह न केवल ब्रिटेन में डिजिटल प्रतिस्पर्धा को नया आयाम देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी कंपनियों के प्रति नीतिगत दृष्टिकोण में भी बदलाव ला सकता है।
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